देश के लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। खबरों की मानें तो केंद्र सरकार 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू करने की दिशा में विचार कर रही है। इसके लागू होते ही सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सबसे बड़ी बात – न्यूनतम बेसिक पे ₹18,000 से बढ़कर ₹51,000 तक जा सकती है।
सैलरी बढ़ने की चर्चाएं तेज़, कर्मचारी कर रहे हैं बेसब्री से इंतज़ार
पिछले कुछ महीनों में कर्मचारियों की यूनियन और मंत्रालयों के बीच वेतन संशोधन को लेकर बातचीत जारी है। सूत्रों की मानें तो सरकार 2026 से पहले ही नया वेतन आयोग लागू कर सकती है। हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन चर्चा ज़ोरों पर है।
फिटमेंट फैक्टर में बदलाव से हो सकती है बड़ी बढ़ोतरी
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। इस बार चर्चा है कि यह 2.86 या उससे ज्यादा किया जा सकता है। इसका असर सीधा बेसिक पे पर पड़ेगा और कुल सैलरी में 30% से 34% तक की वृद्धि संभव है।
कैसे बदलेगा वेतन स्ट्रक्चर, उदाहरण से समझें
अगर अभी किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो 8वें वेतन आयोग के बाद यही बढ़कर ₹51,000 हो सकती है।
- मौजूदा ग्रॉस सैलरी ₹31,500 प्रति माह
- संभावित नई ग्रॉस सैलरी ₹89,000 प्रति माह
डीए, एचआरए और टीए जैसे भत्तों में भी भारी इजाफा होगा, जिससे सैलरी में बड़ा उछाल आएगा।
रिटायर्ड कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी मिलेगा लाभ
8वें वेतन आयोग का फायदा सिर्फ कामकाजी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा। रिटायर्ड पेंशनर्स की पेंशन भी नए बेसिक के अनुसार पुनःनिर्धारित की जाएगी। इससे करोड़ों पेंशनर्स की मासिक पेंशन में वृद्धि होगी, जो उनके लिए आर्थिक मजबूती लेकर आएगी।
चपरासी से लेकर क्लास-1 अफसर तक, सबकी सैलरी बदलेगी
सूत्रों के अनुसार, आयोग लागू होते ही सभी ग्रेड्स के लिए नए वेतन स्लैब तय किए जाएंगे:
- लेवल-1 (चपरासी): ₹51,000 तक बेसिक पे
- क्लर्क लेवल: ₹55,000 से ₹65,000 तक
- ग्रुप-B अधिकारी: ₹70,000 से ₹90,000 तक
- क्लास-1 अफसर: ₹1 लाख+ सैलरी संभव
कर्मचारी यूनियनें और जानकार क्या कहते हैं?
कई कर्मचारी संगठनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के मुकाबले वेतन में कोई बड़ा संशोधन नहीं हुआ है। वे लंबे समय से नए वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं। जानकारों का भी मानना है कि 8वां वेतन आयोग अब ज्यादा दूर नहीं है और यह लोकसभा चुनावों से पहले एक लोकलुभावन निर्णय हो सकता है।