Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन भारत का एक पावन त्योहार है, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित होता है। यह दिन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2025 में यह त्योहार कब और किस दिन मनाया जाएगा, इसे लेकर गुजराती समुदाय में विशेष उत्सुकता रहती है। गुजराती पंचांग या कैलेंडर के अनुसार त्योहार की सही तारीख, मुहूर्त और तिथि जानना बेहद जरूरी होता है, ताकि राखी बांधने की परंपरा शुभ समय में पूरी की जा सके। इस लेख में हम जानेंगे रक्षा बंधन 2025 गुजराती कैलेंडर के अनुसार कब है, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और इस त्योहार का आध्यात्मिक महत्व।
रक्षा बंधन 2025 की तारीख – गुजराती कैलेंडर के अनुसार
गुजराती पंचांग के अनुसार, Raksha Bandhan 2025 का त्योहार बुधवार, 13 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है, जो कि इस पर्व के लिए परंपरागत दिन माना जाता है।
विवरण | तिथि |
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रक्षा बंधन 2025 की तारीख | बुधवार, 13 अगस्त 2025 |
पूर्णिमा तिथि आरंभ | 12 अगस्त 2025 रात 08:42 बजे से |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 13 अगस्त 2025 रात 10:20 बजे तक |
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त | प्रातः 09:28 बजे से दोपहर 01:52 बजे तक (लगभग 4 घंटे 24 मिनट) |
भद्रा काल | सुबह 05:48 बजे से 08:43 बजे तक (राखी नहीं बांधें) |
भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधते?
हिंदू धर्म के अनुसार, भद्रा काल को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य जैसे कि पूजा, यात्रा, राखी बांधना आदि नहीं किया जाता। यदि इस समय पर राखी बांधी जाती है, तो उसका फल विपरीत हो सकता है। इसलिए रक्षा बंधन 2025 में भी राखी भद्रा समाप्त होने के बाद ही बांधना शुभ रहेगा।
रक्षा बंधन का महत्व – भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक
रक्षा बंधन सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि विश्वास, प्यार और सुरक्षा का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं। भाई भी अपनी बहन को जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन देता है। इस पर्व में स्नेह, अपनापन और सांस्कृतिक मूल्यों की झलक साफ दिखाई देती है।
गुजराती परंपरा में रक्षा बंधन
गुजरात में रक्षा बंधन को “नारियल पूर्णिमा” या “श्रावणी पूर्णिमा” के रूप में भी जाना जाता है। समुद्र से जुड़े समुदायों में इस दिन समुद्र की पूजा कर नारियल अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, गुजरात के कई इलाकों में इस दिन यज्ञ और हवन का आयोजन भी किया जाता है।
गुजरात में राखी का त्योहार बहुत हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बहनें रंग-बिरंगी राखियां खरीदती हैं, पारंपरिक मिठाइयाँ बनती हैं और पूरा परिवार एकजुट होकर इस पर्व को आनंदपूर्वक मनाता है।
रक्षा बंधन मनाने की विधि (गुजराती परिवारों के लिए उपयुक्त)
- पूजा की तैयारी करें – एक थाली में राखी, रोली, चावल, दीपक, मिठाई और नारियल रखें।
- भाई की आरती करें – बहन अपने भाई की आरती उतारती है और माथे पर तिलक लगाती है।
- राखी बांधें – शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर राखी बांधी जाती है।
- मिठाई खिलाएं – बहन भाई को मिठाई खिलाती है और आशीर्वाद देती है।
- उपहार देना – भाई भी बहन को आशीर्वाद और उपहार देता है।
रक्षा बंधन पर क्या करें और क्या न करें (Do’s and Don’ts)
✅ करें:
- शुभ मुहूर्त में राखी बांधें।
- पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- बहनें राखी बांधने से पहले भगवान की पूजा करें।
- भाई बहनों को उपहार दें और उनके अच्छे भविष्य की कामना करें।
❌ न करें:
- भद्रा काल में राखी न बांधें।
- रक्षा बंधन के दिन झगड़ा या कटु वचन का प्रयोग न करें।
- बिना तिलक लगाए राखी न बांधें।
रक्षा बंधन 2025 – स्कूल और ऑफिस में छुट्टी का विवरण (गुजरात राज्य में)
गुजरात राज्य में श्रावण पूर्णिमा को कई स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में अर्ध-दिवसीय या पूर्ण अवकाश होता है। हालांकि, छुट्टी की पुष्टि के लिए अपने संबंधित संस्थान की छुट्टियों की सूची जरूर देखें।
निष्कर्ष
Raksha Bandhan 2025 गुजराती कैलेंडर के अनुसार 13 अगस्त को है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूती देने वाला त्योहार है, जिसे पूरे हर्ष और उल्लास से मनाया जाता है। शुभ मुहूर्त का पालन कर, भद्रा काल से बचकर राखी बांधना इस दिन को और भी विशेष बना देता है। गुजरात की सांस्कृतिक विविधता और पारंपरिक रंग इस पर्व में नई रौनक भरते हैं। आइए, इस रक्षा बंधन पर हम अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाएं और संस्कृति की इस अमूल्य धरोहर को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं।